दानी दाता शिव शंभू में आया तेरे द्वारे,
मांग रहा हूं भिक्षा तुमसे दोनों हाथ पसारे,
मेरी लाज रखना मेरी लाज रखना,
मेरी लाज रखना भोले मेरी लाज रखना ।।
तुझ बिन कौन सुने मेरी बिनती कोई ना मेरा सहारा है,
तू ही भोले शंकर डमरू वाले मेरा किनारा है,
तुझ बिन कौन सुने मेरी बिनती कोई ना मेरा सहारा है,
तू ही भोले शंकर डमरू वाले मेरा किनारा है ।।
तेरे सिवा अब भोले शंभू जाऊं किसके द्वारे,
मांग रहा हूं भिक्षा तुमसे दोनों हाथ पसारे,
मेरी लाज रखना मेरी लाज रखना,
मेरी लाज रखना भोले मेरी लाज रखना ।।
जब जब संकट आया मुझ पर तूने मुझे ऊबारा है,
डूब रही मेरी नैया को शिव दिया तूने सहारा है,
जब जब संकट आया मुझ पर तूने मुझे ऊबारा है,
डूब रही मेरी नैया को शिव दिया तूने सहारा है ।।
ठोकर खाकर दुनिया की अब आया द्वार तुम्हारे,
मांग रहा हूं भिक्षा तुमसे दोनों हाथ पसारे,
मेरी लाज रखना मेरी लाज रखना,
मेरी लाज रखना भोले मेरी लाज रखना ।।
क्या तूने मांगा शिव से और क्या पाया यह याद रहे।
जपते रहना शिव शंभू जब तक ईस तन में प्राण रहे।
क्या तूने मांगा शिव से और क्या पाया यह याद रहे,
जपते रहना शिव शंभू जब तक ईस तन में प्राण रहे ।।
नाम प्रभु का लेकर दुनिया में ना कोई हारे,
मांग रहा हूं भिक्षा तुमसे दोनों हाथ पसारे,
मेरी लाज रखना मेरी लाज रखना,
मेरी लाज रखना भोले मेरी लाज रखना ।।
लिरिक्स – गजेन्द्र प्रताप सिंह




