मेरे दिल का यही, अरमान साँवरे,
रहने तो आ जाओ मेरे मकान साँवरे ।। टेर ।।
तर्ज़ – ये किसने किया श्रृंगार ।
श्याम कभी एक बार हमारे, घर भी आकर देखो,
मेरे हाथ का खीर चखना, बाबा खाना देखो
भूल जाओगे सारे, पकवान साँवरे ।। १ ।।
आकर मेरे घर पे बाबा, यहीं प्रभु रह जाओ,
अबसे बाबा यहीं रहोगे, सबसे तुम कह आओ,
साथ ले आओ अपना, सामान साँवरे ।। २ ।।
रोज सबेरे उठकर तुमको, भजन सुनाऊँगा मैं,
रात को सोते वक्त तुम्हारे, चरण दबाऊँगा मैं,
मैं रखूँगा तेरा पूरा, ध्यान साँवरे ।। ३ ।।
थोड़े दिन रुक करके बाबा, जाने की मत कहना,
जन्मों जन्म तक अब तो ‘माधव’, मेरे साथ ही रहना,
ना आना तू, बनके मेहमान साँवरे ।। ४ ।।