मेरा तुम्हारा साँवरे रिश्ता जरूर है,
अंजान था जो आज तक, मेरा कुसूर है ।। टेर ।।
तर्ज – एक बार हमसे साँवरे नजरे ।
नजरें हमारी आपको ढूंढे कहाँ-कहाँ,
दिल पे ही अपने मिल गये, कदमों के वो निशां,
आया समझ में अब मेरी, हमसे ना दूर है ।। १ ।।
माता पिता तुम्हीं मेरे, बन्धू सखा मेरे,
जिस भाव से पुकार लूं, रहते हो तुम खड़े,
आँखों में तेरे. प्यार का, ऐसा सरूर है ।। २ ।।
कण-कण में वास है तेरा, तेरा ही राज है,
हर एक दिल में साँवरे, तेरा ही वास है,
दिखते हो उसको जो तेरी, भक्ति में चूर है ।। ३ ।।
थोड़ा सा मुझको साँवरे, भक्ति का जाम दो,
मेरे नाम को भी साँवरे, अपना ही नाम दो,
‘रोमी’ की नजरों में सदा, तेरा ही नूर है ।। ४ ।।
लिरिक्स – रोमी जी