मैया के दरबार की महिमा अपरम्पार लिरिक्स

Maiya Ke Darbar Ki Mahima Aprampaar Lyrics

मैया के दरबार की महिमा अपरम्पार,
हर पल भक्तों के ऊपर, बरसे है माँ का प्यार ।।

तर्ज – देनो हो तो दीजिए।

बूढ़े बालक नर और नारी, माँ के दर पर आते हैं,
खाली झोली लेकर आते, भर-भर झोली जाते हैं,
जो मांगो सो मिल जाये, माँ देने को तैयार ।। १ ।।

सारे जग की ये सेठाणी, सब बच्चों की माता है,
देती है चुपचाप सभी को, पता नहीं चल पाता है,
वो दोनों हाथ लुटाये, और भरा रहे भण्डार ।। २ ।।

सच्चे मन से सुमिरन करले, तेरी सुणायी कर लेगी,
मन की पीड़ा मां से कहदे, सारे संकट हर लेगी,
क्यों घबराता है ‘बिन्नू’, तूं आजा माँ के द्वार ।। ३ ।।

लिरिक्स – बिन्नू जी