महादेव शंकर हैं जग से निराले,
बड़े सीधे-सादे, बड़े भोले-भाले,
मेरे मन के मंदिर में रहते हैं शिव जी,
ये मेरे नयन हैं उन्हीं के शिवालय ।।
बना लो उन्हें अपने जीवन की आशा,
सदा दूर तुमसे रहेगी निराशा,
बिना माँगे वरदान तुमको मिलेगा,
समझते हैं वो तो हर एक मन की भाषा,
वो उनके हैं जो उनको अपना बना लें, हो-हो-हो,
महादेव शंकर हैं जग से निराले,
बड़े सीधे-सादे, बड़े भोले-भाले ।।
जिधर देखो शिव की है महिमा निराली,
ये दाता है और सारी दुनिया सवाली,
जो इस द्वार पे अपना विश्वास कर ले,
तो पल-भर में भर जाएगी झोली खाली,
उन्हीं के अँधेरे, उन्हीं के उजाले, हो-हो-हो,
महादेव शंकर हैं जग से निराले,
बड़े सीधे-सादे, बड़े भोले-भाले ।।
लिरिक्स – गौहर कानपुरी