माँ की महिमा अपरम्पार, भगत के कष्ट मिटाती है लिरिक्स

Maa Ki Mahima Aprampaar Lyrics

माँ की महिमा अपरम्पार, भगत के कष्ट मिटाती है..2
कष्ट मिटाती है,माँ दुखडे दूर भगाती है माँ की ..2
माँ की महिमा अपरम्पार, भगत के कष्ट मिटाती है..

कटरा में वो वास है करती, होके सिंह सवार..2
बाण गंगा का अमृत पानी, सबका करे उद्वार..2
कठिन चढाई तुम भी चढ़लो..2, हो जाये बेडा पार
माँ की ..2,माँ की महिमा अपरम्पार, भगत के कष्ट मिटाती है..

हमने सुना तु भेद ना करती, रखती सबका मान…2
देखे न राजा रंक न देखे, सब है एक समान.. 2
भाव से तुम भी माँ को मना लो, पूरी करती आस
माँ की ..2,माँ की महिमा अपरम्पार, भगत के कष्ट मिटाती है..

ध्यान ने पूजा, श्रीधर पूजे, पूजे तेरा नन्दलाल…2
देवी देवता मंगल गावे, करे तेरी जयकार..2
शंकर तेरे भजन है गाता..2, रख दे सिर में हाथ
माँकी ..2, माँ की महिमा अपरम्पार, भगत के कष्ट मिटाती है..

लिरिक्स – शंकर यादव जी