लॉटरी लग जाएगी…
किस्मत खुल जाएगी…
करो मन से मंगलपाठ
तो दुनिया बदल जाएगी
1.. जैसे भागवत जी के अंदर
खुद बैठे हैं कन्हैया
वैसे ही मंगल के अंदर
बैठी है मेरी मैंया
प्रार्थना रंग लाएगी…
तेरे भी घर आएगी…
करो मन से मंगलपाठ
तो दुनिया बदल जाएगी
2.. वार तिथि मुहूर्त मत देखो
जब भी समय हो गालो
मंगल ही गंगा यमुना है
माथे इसे लगा लो
शनि राहु केतू…
ये दूर भगाएगी…
करो मन से मंगलपाठ
तो दुनिया बदल जाएगी
3.. मंगल पढ़ने में हमसे
शायद गलती हो जाये
या कामकाज के कारण
कोई भूल चूक हो जाये
अम्बरीष जयकार लगा…
गलतियां भुलायेगी…
करो मन से मंगलपाठ
तो दुनिया बदल जाएगी
लेखक – अम्बरीष कुमार जी