कृपा का ये नजारा,
समझो तो है इशारा ।।
तर्ज – मौसम है आशिक़ाना।
मौजूदगी है हर पल,
तेरे आस-पास उनकी,
विश्वास की कमी है,
तूं आँखे खोल मन की
एहसास में मिलेगा,
भक्तों का श्याम प्यारा ।।
मानां कि मुश्किलों का
तूफान चल रहा है,
वो रक्षा कर रहा है,
दीपक ये जल रहा है,
बिगड़ी वही संवारे,
आया बाबा का बुलावा ।।
क्या सोचता है नादां,
झट करले तूं तैयारी,
बैठा वही मिलेगा
मेरा सांवरा बिहारी,
कह देंगे अपने मन की
वो स्वामी है हमारा ।।
लिरिक्स – पवन भाटिया जी