किस बात का करे गुमान,
लेख यहाँ किसने बाँचा है,
तू मिल ले कभी खुद से,
तू मिल ले कभी खुद से,
जगत मिथ्या प्रभु साँचा है,
किस बात का करें गुमान,
लेख यहाँ किसने बाँचा है।।
तर्ज – आ लौट के आजा मेरे।
काल ना देखें बालापन ना,
देखे जवानी बुढ़ापा,
अमीर गरीब ज्ञानी अज्ञानी,
रूपा हो या कुरूपा,
मोहलत ना मिले पल की,
मोहलत ना मिले पल की,
काल को किसने आँका है,
किस बात का करें गुमान,
लेख यहाँ किसने बाँचा है।।
जग को अपना समझ समझकर,
कर लिया मन को मैला,
मोटर गाड़ी महल दोमहले,
साथ ना जाए ढेला,
तूने सबको जांच लिया,
तूने सबको जांच लिया,
कभी क्या खुद को जांचा है,
किस बात का करें गुमान,
लेख यहाँ किसने बाँचा है।।
ले ले शरण नाम की बन्दे,
हरी नाम अनमोला,
ऐसो रतन नाम श्री हरी को,
जाए कभी ना तोला,
हरी के आँगन में नाच,
हरी के आँगन में नाच,
जगत में बहु विधि नांचा है,
किस बात का करें गुमान,
लेख यहाँ किसने बाँचा है।।
बाँध घुंगरा ओढ़ चदरिया,
साँचो अमृत पी ले,
बहुत जी लिया अपनी मर्जी,
अब प्रभु का बन जी ले,
‘नंदू’ मत करे गुमान,
‘नंदू’ मत करे गुमान,
सगर माटी का ढांचा है,
किस बात का करें गुमान,
लेख यहाँ किसने बाँचा है।।
किस बात का करे गुमान,
लेख यहाँ किसने बाँचा है,
तू मिल ले कभी खुद से,
तू मिल ले कभी खुद से,
जगत मिथ्या प्रभु साँचा है,
किस बात का करें गुमान,
लेख यहाँ किसने बाँचा है।।