कहते हैं हक से, अधिकार हमारा है,
खाटू वाला सांवरिया ही, प्यार म्हारा है ।। टेर ।।
तर्ज – थोड़ा देता है ।
सामने कहते हैं सबके, खुलके इजहार करते हैं,
श्याम ही जिनदगी मेरी, श्याम से प्यार करते हैं,
श्याम बिना जीना, बेकार हमारा है ।।
शअयाम के प्यार में पागल, देखते रहते हैं तस्वीर,
सोचके ही खुश होते हैं, कभी तो जागेगी तकदीर,
होगा मिलन जरूर ऐतबार हमारा है ।।
जमाना छूटे भी तो क्या, कि रिस्ते टूटे बी तो क्या,
नैय्या डूबे भी तो क्या, कि किस्मत रुठे भी तो क्या,
श्याम से ही अब तो, संसार हमारा है ।।
बड़ा अनमोल है ‘मोहित’, हमारा श्याम से बन्धन,
लगे है बिल्कुल वैसा ही, कि जैसे पानी और चन्दन,
दिल की धड़कन ये, दिलदार हमारा है ।।