कर्ज तेरे एहसान का श्याम रहने नहीं देना,
तेरा कर्जा चुके ना जब तक, मुझे मरने नहीं देना ।। टेर।।
तर्ज – सांवरे के रहते तूं ।
ऐसो ऐसे कर्म करना, ये कर्ज तेरा चुकता रहे,
चाहे रात दिन भी करना पड़े, मुझे थकने नहीं देना ।। १ ।।
तेरा कर्जा चुको ना चुके पर कोशिश करूंगा प्रभु,
तेरा कर्ज लेके भूल गया, ऐसा करने नहीं देना ।। २ ।।
तूंने करके. भरोसा प्रभु, आंख मींच करके कर्जा दिया,
तेरा मुझपर भरोसा प्रभु, इसे उठने नहीं देना ।। ३ ।।
तेरा ‘बनवारी’ कर्जा प्रभु, धीरे-धीरे चुकाऊंगा,
करते रहना तकाजा सदा, कभी रूकने नहीं देना ।। ४ ।।
यही भावना है ‘बनवारी’ लेने लायक दुबारा बनूं,
तेरी चौखट पे मेरे लिये, ताला लगने नहीं देना ।। ५ ।।
लिरिक्स – जयशंकर चौधरी जी