करो हनुमान दया की कौर,
आप समान दयालु दाता, बीरबली नहीं और ।। टेर ।।
तर्ज – फकीरी अलबेला ।
बड़े-बड़े तुम काज संवारे, महाबीर बलधारी – २,
राम सिया के पायक तुमहो, असुरों के संहारी – २,
उठा गिरी संजीवनी लाये, हो नहीं पायी भोर ।। करो…।।
‘नाम आपका बीर शिरोमणी, अजर अमर बरदानी – २,
नाम लेत आजा नासे सारे, तेरा ना कोई शानी – २,
दृढ़ विश्वास भाव भक्ति से, रहते सदा विभोर ।। करो…।।
श्याम दरश की आश पुराकर, मेरी पीड़ मिटावो – २,
सारे क्लेश मिटा कर दाता, मुझको भी अपनावों – २,
‘सांवर’ दास कृपा कर मुझपे, अब तो कर लो गौर ।। करो…।।
लिरिक्स – सांवर जी