कालो की काल महाकाली,
भवानी माई कलकत्ता वाली,
कलकत्ता वाली भवानी माई काली,
महिमा तुम्हारी निराली,
भवानी माई कलकत्ता वाली….
हे अंगारों जैसे नयन लाल लाल,
अधरों की लाली गले मुंडमाल,
जा लम्बी जीभ निकाली,
भवानी माई कलकत्ता वाली….
आगे है हनुमत जी झंडा संभाले,
पीछे कुबेर संग भैरव मतवाले,
बिच में विकराल रूप वाली,
भवानी माई कलकत्ता वाली….
दानव दलन करे दुष्टों को मारे,
काली की शक्ति जगत जन के तारे,
अरे हाथो में भारी भुजाली,
भवानी माई कलकत्ता वाली….
काली की शक्ति को जिसने भी जाना,
‘मौनी’ दीवाना हुआ उसका जमाना,
दुष्टों से जगत करो खाली,
भवानी माई कलकत्ता वाली….