कल रात मुझे बाबा आया इक सपना है,
बस यूहीं आते रहो बालक तेरा अपना है ।। टेर ।।
तर्ज – बचपन की मोहब्बत को ।
जब से जग में आया देखी तेरी सेवकाई,
मैं भी कुछ करने लगा मेरे दिल को बहुत भाई,
क्रम सेवा पूजा का बस बनाये रखना है ।। १ ।।
क्या होती है भक्ति, मुझको ये ज्ञान नहीं,
कैसे मैं पुकारूँ तुम्हें, इसका भी भान नहीं,
टूटे हुये शब्दों से, इतना ही कहना है ।। २ ।।
तेरी माया का चक्कर चलता है उमड़ घुमड़,
ये मूढ़, दीन, नादां, रह जाता है फंसकर,
कैसे ये बचा रहे बस ध्यान ये रखना है ।। ३ ।।
तेरा मेरा ये रिस्ता, प्रभु सदियों पुराना है,
ये मैं ही नहीं कहता, जाने ये जमाना है,
आगे भी बना रहा, ये ही अफसाना है ।। ४ ।।