कभी आया साथी बनकर, कभी आया मांझी बनकर,
पग पग पर दिया सहारा, कई रूप में तूने आकर ।।
(जय श्री श्याम श्री श्याम श्री श्याम,
खाटू वाले बाबा जय श्री श्याम)
जब माँ की याद थी आई, गोदी में तूने बिठाया,
जब पिता को याद किया तो, तूने सिर पे हाथ फिराया,
कंधे से कन्धा मिलाया, तूने मेरा भाई बनकर,
पग पग पर दिया सहारा, कई रूप में तूने आकर ।।
जब सिर पे मेरे बाबा, दुःख के बादल मंडराए,
जो फूल थे मन बगियाँ के, बाबा सारे मुरझाये,
पतझड़ में बहारे ला दी, बाबा तूने माली बनकर,
पग पग पर दिया सहारा, कई रूप में तूने आकर ।।
जिस प्यार के खातिर बाबा, जन्मो से था मे प्यासा,
‘श्याम’ कहे तुझे पाकर के, पूरी हुई वो अभीलाशा,
पत्थर को हीरा बनाया, बाबा तूने जोहरी बन कर,
पग पग पर दिया सहारा, कई रूप में तूने आकर ।।
लिरिक्स – श्याम अग्रवाल जी