जिस घर में होता है, पितरो का आराधन भजन लिरिक्स

Jis Ghar Me Hota Hai Pitro Ka Aradhan Lyrics

जिस घर में होता है, पितरो का आराधन
महके जीवन बगिया, हर मौसम और पल क्षण

तर्ज-होंठों से छुलो तुम..

घर के मालिक है ये, सेवा करते रहना
इनकी महिमा वर्णन, करती रहे ये रसना
देवा की किरपा से, रहे प्रेम भरा आंगन
महके जीवन बगिया..

पितरो को याद करें, चाहें हो कोई पहर
दु:ख-सुख के साथी है, कर देते पल में महर
क्यों भटके इधर-उधर, पूरा है आश्वासन
महके जीवन बगीया..

शुभ कारज में प्रभु को, ना भुला कभी देना
कर रात्रि को कीर्तन, विनती करते रहना
करते रहें नित्य नियम, प्रभु का संध्या वंदन
महके जीवन बगीया..

हर अमावस देवा की, ज्योत जगे घर-घर
पित्रदेव की किरपा से, रहती ना कोई फिकर
“राजू” मैं करता रहूं, कुलदेवा का सुमिरन
महके जीवन बगीया..