जीने लगे हम, सर को उठाके लिरिक्स

Jeene Lage Hum Sar Ko Uthake Lyrics

जीने लगे हम, सर को उठाके,
खाटू की माटी का, तिलक लगाके ।। टेर ।।

तर्ज – साथी हमारा कौन ।

धन्य खाटूकी माटी, विराजे श्याम देखो,
और हारे का सहारा, है उसका नाम देखो,
उसने हमको गले लगाया, रक्खा सर पे हाथ – २,
रखता हमेशा, दुःखों से बचाके ।। खाटू की…।। १ ।।

गरीबी ने दबाया, कि सर को उठाते कैसे,
फटे दामन में आपनी, लाज छुपाते कैसे,
उसने हमको जग से बचाया, रक्खी मेरी लाज – २,
सब कुछ दिया है, खाटू बुलाके ।। खाटू की…।। २ ।।

इतना कोई ना करता, जितना इसने किया है,
इतना कोई ना देता, जितना इसने दिया है,
ना देखे दुनियां में ऐसा, श्याम सा लखदातार – २,
लायक बनाया, अपना बनाके ।। खाटू की…।। ३ ।।

श्याम जन्मों जन्मों तक, तेरी गलियों से गुजरे,
और माटी ‘बनवारी’, नहीं माथे से उतरे,
तेरे हाथ से इस माटी का, तिलक लगादे श्याम – २,
तिलक लगाना, जरासा जंचाके ।। खाटू की…।। ४ ।।

लिरिक्स – जयशंकर चौधरी जी