जादू करके, जादू करके, जादू करके,
ओ पिया कित गयो जादू करके ।।
नन्दनंदन पिया कपट जो कीनो – 2,
निकल गयो, निकल गयो,
निकल गयो, छल करके,
जादू करके, जादू करके, जादू करके,
ओ पिया कित गयो जादू करके ।।
मोर मुकुट पिताम्बर सोहे, (x5)
कबहु न मिले, कबहु न मिले,
कबहु न मिले, अंग भरके,
जादू करके, जादू करके, जादू करके,
ओ पिया कित गयो जादू करके ।।
मीरा दासी शरण जाे आई, (x5)
चरणकमल, चरणकमल,
चरणकमल, चित धरके,
जादू करके, जादू करके, जादू करके,
ओ पिया कित गयो जादू करके ।।
(गिरधर नागर कहती मीरा – २,
नटवर नागर कहती मीरा – २)
लिरिक्स – मीरा बाई