हे श्याम दास्तां दिल की हम, अबतक तो कह नहीं पाये हैं,
सुन करके कुछ आदेश करो, तुझे हाल सुनाने आए हैं ।। टेर ।।
तर्ज – बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी ।
विश्वास करे किस पर बाबा, मतलब रिश्तों पे भारी है,
झूठे नाक़ाब सच्चे लगते, मेरी समझ की ये लाचारी है,
उतने ही धोखे खाए हैं, जितनी उम्मीदें लगाये हैं ।। १ ।।
फितरत् बदले मौसम जैसी, सूरन सीरत से अलग लगे,
मायूस हृदय में सांवरिया, तेरी इक आशा की कसक जगे,
हारे के सहारे को अपनी, हम हार दिखाने आए हैं ।। २ ।।
राहगीर राह से भटके हम, मंजिल का बाबा पता नहीं,
जाने क्यूं सजा हम पाते हैं, जब की हमने कुछ खता नहीं,
‘निर्मल’ मन की है तुम्हें परख, सर्वस्व जंचाने आए हैं ।। ३ ।।