हर पल हर घड़ी मां लाज बचाती है लिरिक्स

Har Pal Har Ghadi Maa Laj Bachati Hai Lyrics

हर पल हर घड़ी मां लाज बचाती है।
कोई आये ना आये, ये दादी दौड़ी आती है ।।

तर्ज – आदमी मुसाफिर है।

झुंझूनू में बैठी दादी हमारी, चरणों में झुकती है दुनियां ये सारी ।
भगतों पे किरपा बरसाती है ।। १ ।।

दुनिया में जिसका कोई ना साथी, उसको ये दादी अपना बनाती।
चुनड़ मां उनपे लहराती है ।। २ ।।

दादी से जिसने जोड़ा है नाता, उनकी बनी है भाग्य विधाता ।
बिन बोले सब कुछ दे जाती है ।। ३ ।।