गरीबो के दाता हो,
अगर तुम मुरारी,
मेरी पार नैया,
लगानी पड़ेगी,
जो तुमने करोडो की,
बिगड़ी सँवारी,
मेरी पार नैया,
लगानी पड़ेगी।।
तर्ज – तुम्ही मेरे मंदिर।
गुजारा ना होगा,
गर तू खफा है,
अगर तू मेरा है,
तो बेशक नफा है,
मै सदियों से तेरे हूँ,
दर का भिखारी,
मेरी पार नैया,
लगानी पड़ेगी,
गरीबो के दाता हों,
अगर तुम मुरारी,
मेरी पार नैया,
लगानी पड़ेगी।।
तू भंडार है यूँ,
सुना है दया का,
शहंशाह है तू ही,
सारे जहाँ का,
क्या तोहिन होगी,
दया की तुम्हारी,
मेरी पार नैया,
लगानी पड़ेगी,
गरीबो के दाता हों,
अगर तुम मुरारी,
मेरी पार नैया,
लगानी पड़ेगी।।
ज़माने के मालिक,
मेरी आरजू है,
तुम्ही से ओ सांवलिया,
मेरी गुफ्तगू है,
खता कौन काशी की,
सुध क्यों बिसारी,
मेरी पार नैया,
लगानी पड़ेगी,
गरीबो के दाता हों,
अगर तुम मुरारी,
मेरी पार नैया,
लगानी पड़ेगी।।