द्वार पर कब से खड़ा हूं, गौर कुछ तो कीजिये लिरिक्स

Dwar Par Kab Se Khada Hoon Lyrics

द्वार पर कब से खड़ा हूं, गौर कुछ तो कीजिये,
हूं तुम्हारा दास आखिर, ध्यान कुछ तो दीजिये ।। टेर ।।

तर्ज – सांवरे तेरी छवि पे दिल दिवाना ।

हूं शरण तेरी सदा से, इसमें कोई शक नहीं,
क्या दयालु आप पर, इस दीन का कोई हक नहीं,
हक है गरचे आप पर तो, अब शरण ले लीजिये ।। १ ।।

जानते घट – २ की सारी, क्या छुपाना आपसे,
मुक्त कर दो दास को प्रभु, भव के इस संताप से,
भूल ना पाऊं कभी भी, नाथ ये वर दीजिये ।। २ ।।

नाम कर साकार अपना दास को अपनाइये,
ले लोगे जब तुम शरण तो, दास को क्या चाहिये,
तूं है मेरा में हूं तेरा, आप खुद कह दीजिये ।। ३ ।।

शरण में आये की रक्षा, नाथ करना फर्ज है,
फिरना परवाह है जगत की, और ना कोई हर्ज है,
दास ‘सांवर’ को अभय वर दे, कृतारथ कीजिये ।। ४ ।।

लिरिक्स – सांवर जी