कुछ दे या ना दे श्याम, इस अपने दीवाने को,
दो आंसू तो दे दे, चरणों में चढ़ाने को
दो आंसू तो दे दे…….
नरसी ने बहाये थे, मीरा ने बहाये थे
जब जब भी कोई रोया, तुम दौड़ के ए थे
काफी हे दो बुँदे, घनश्याम रिझाने को
दो आंसू तो दे दे…….
आंसू वो खजाना हे, किस्मत से मिलता हे
इनके बह जाने से, मेरा श्याम पिघलता हे
करुणा का तू सागर हे, अब छोड़ बहाने को
दो आंसू तो दे दे…….
दुःख में बह जाते हे, खुशियों में जरुरी हे
आंसू के बिना ‘संजू’, हर आंख अधूरी हे
पूरा करते आंसू हर एक हर्जाने को
दो आंसू तो दे दे……