दिल लगी को दिल्लगी ना जानिये भजन लिरिक्स

Dil Lagi Ko Dillagi Na Janiye Lyrics

दोहा : दिल दिया दिलदार को दिलवर हमारा हो गया,
और कुछ ना चाहिये, दातार को जब पा लिया ।।

दिल्लगी को दिल्लगी ना जानिये,
प्रीत के भावों को प्रभु पहचानिये ।। टेर ।।

तर्ज – दिल के अरमां आसुओं में ।

कर भरोसा आपको अपना कहा,
कर समर्पण दिल के भावों में बहा,
कोई क्या जाने कि हम क्या पा लिये ।। प्रीत के…. । ।

प्रेम में छुपना छुपाना कुछ नहीं,
तेरा मेरा भाव जो हो वो सही,
प्रेमी को खुद से अलग ना जानिये ।। प्रीत के…. । ।

प्रेम है वो धार जिसकी थाह नहीं,
बात ये सदग्रन्थों ने भी है कही,
परस्पर के भावों में खो जाइये ।। प्रीत के…. ।।

पथ सरल उज्जवल धवल प्रकाश है,
पायेगा मंजिल जिसे विश्वास है,
दास ‘सांवर’ को ना इतना टानिये ।। प्रीत के…. ।।

लिरिक्स – सांवर जी