देखो कैसो झूल रह्यो नन्दजी को छैंया,
होले-होले झोटा देवे यशुंमति मैया,
हंस-हंस झूल रहे श्री बांकें बिहारी ।। टेर ।।
तर्ज – सज रहे भोले बाबा ।
एक तरफ गोपियन की टोली झुलावे,
दूजी ओर ग्वाल बाल हाथ हिलावे,
झूलन की आयी बहार कदम की डारी ।। १ ।।
घटा घनघोर बिजुरिया चिमके,
रिमझिम रिमझिम बूंदे टपके,
ठण्डी चले है बयार लगे अति प्यारी ।। २ ।।
कदम्ब की डारी पे झूलो लगायो,
चन्दन को पाटो सजवायो,
आवो बैठो नन्द किशोर, अरज है हमारी ।। ३ ।।