दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया लिरिक्स

Dard Kisko Dikhau Kanhaiya Lyrics

दर्द किसको दिखाऊं कन्हैया, कोई हमदर्द तुमसा नहीं है,
दुनियां वाले नमक हैं छिड़कते, कोई मरहम लगाता नहीं है ।। टेर ।।

तर्ज – स्वरचित ।

किसको बैरी कहूं किसको अपना, झूठे वादे हैं सारे ये सपना,
अब तो कहने में आती शरम है, रिश्ते नाते ये सारे भरम है,
देख खुशिया मेरी जिंदगी की, रास अपनों को आती नहीं है ।। १ ।।

ठोकरों पे है ठोकर जो खाया, जब भी दिल दूसरों से लगाया,
हर कदम पे है सबने गिराया, सबने स्वार्थ का रिश्ता निभाया,
तुझसे नैना लड़ाना कन्हैया, दुनियां वालों को भाता नहीं है ।। २ ।।