दर पर तुम्हारे आया, ठुकराओ या उठा लो भजन लिरिक्स

Dar Par Tumhare Aaya Thukrao Ya Utha Lo Lyrics

दर पर तुम्हारे आया, ठुकराओ या उठा लो,
करुणा के सिंधु मालिक, अपनी विरद बचा लो ||

मीरा या शबरी जैसा, पाया हृदय न मैंने,
जो है दिया तुम्हारा, लो अब इसे संभालो,
दर पर तुम्हारे आया, ठुकराओ या उठा लो..

दिन रात अपना अपना, करके बहुत ठगाया,
कोई हुआ न अपना, अपना मुझे बना लो,
दर पर तुम्हारे आया, ठुकराओ या उठा लो..

दोषी हु मै या सारा, ये खेल है तुम्हारा,
जो हो समर्थ हो तुम, चाहे गज़ब जो ढालो,
दर पर तुम्हारे आया, ठुकराओ या उठा लो..

बस याद अपनी दे दो, सब कुछ भले ही ले लो,
विषमय करील पर अब, करुणा की दृष्टि डालो,
दर पर तुम्हारे आया, ठुकराओ या उठा लो..

दर पर तुम्हारे आया, ठुकराओ या उठा लो
करुणा की सिंधु मालिक, अपनी बिरद बचा लो ||