चालो चालो साथीड़ो खाटू धाम रे,
झाला देवे मंदिर में बैठ्यो श्याम रे,
ओ मनड़ो लागे ना होवे कोई काम रे,
झाला देवे मंदिर में बैठ्यो श्याम रे ।।
बाबो म्हारो डीक रह्यो बाट सबकी,
याद सतावे नहीं बात बस की,
बातां करसी तन मन की सागे श्याम रे,
झाला देवे मंदिर में बैठ्यो श्याम रे ।।
साँवरो मिलेगो म्हासूं हँस हँस के,
कालजे लगासी वो तो कस कस के,
फेरूँ दुःख को जीवन में काई काम रे,
झाला देवे मंदिर में बैठ्यो श्याम रे ।।
साँवरे से रिश्तो बना के देख ले,
कोणी गयो खाटू तो जाके देख ले,
‘अन्नू’ गूँजे दुनियां में आंको नाम रे,
झाला देवे मंदिर में बैठ्यो श्याम रे ।।
लिरिक्स – श्री अनूप जी शर्मा (अन्नू जी)