बोल बम बोल बम बोले जा, किस्मत अपनी खोले जा,
ले कावड़ अपने हाथ में, चल दर पे भोलेनाथ के,
बोल बम बोल बम बोलें जा, किस्मत अपनी खोले जा ।।
तर्ज – धीरे धीरे बोल कोई ।
सावन की रुत आई मस्तानी, रिमझिम रिमझिम बरस रहा पानी,
बाट तेरी मंदिर में देख रहा, तेरा मालिक शिव ओघड़दानी,
ना देर कर जल्दी से चल, ना देर कर जल्दी से चल,
भक्तो को लेले साथ में, चल दर पे भोले नाथ के,
बोल बम बोल बम बोलें जा, किस्मत अपनी खोले जा ।।
माना थोडा लम्बा रास्ता है, तू क्यों उसकी चिंता करता है,
ध्यान तू धरले मन में भोले का, पग पग तुझको वही संभालेगा,
ककड़ मिले पत्थर मिले, ककड़ मिले पत्थर मिले,
तो डरने की क्या बात है, जब भोला अपने साथ है,
बोल बम बोल बम बोलें जा, किस्मत अपनी खोले जा ।।
कितना भोला अपना बाबा है, भक्तो से ना मांगे ज्यादा है,
लोटे भर गंगा के पानी से, खुश हो जाता औघड़दानी ये,
झोली भरे संकट हरे, झोली भरे संकट हरे,
‘सोनू’ मन में विश्वाश है, ये बाबा अपने साथ है,
बोल बम बोल बम बोलें जा, किस्मत अपनी खोले जा ।।
बोल बम बोल बम बोले जा, किस्मत अपनी खोले जा,
ले कावड़ अपने हाथ में, चल दर पे भोलेनाथ के,
बोल बम बोल बम बोलें जा, किस्मत अपनी खोले जा ।।
लिरिक्स – आदित्य मोदी (सोनू) जी