बतादो हे जगत जननी, मेरा उद्धार कैसे हो लिरिक्स

Bata Do Hey Jagat Janani Lyrics

बतादो हे जगत जननी, मेरा उद्धार कैसे हो,
बह रहा हूँ अगमधारा, में बेड़ा पार कैसे हो ।। टेर ।।

तर्ज – सजा दो घर को ।

नहीं श्रद्धा नहीं भक्ति,
नहीं विद्या नहीं बुद्धि – २,
तेरे दासों में हे माता, मेरा शुमार कैसे हो ।। बतादो….

मैं जैसा हूँ तुम्हारा हूँ,
भरोसा आपका भारी – २,
तो फिर किससे करूँ फरियाद, मंजिल पार कैसे हो ।। बतादो….

बहुत भटका हूँ विषयों में,
कहीं भी शांति ना पायी – २,
फँसा मद मोह माया में, मेरा निस्तार कैसे हो ।। बतादो….

यही विनती है सेवक की,
जगत को प्रेममय देखूँ – २,
करुँ बलिदान स्वारथ का, ये पर उपकार कैसा हो ।। बतादो….