जय जय भोले भण्डारी, हे भक्तों के हितकारी,
हम बड़ी दूर से चलकर, आयेंगे तेरे दर पर,
बम बम का जुबा पे नारा है, तुम्हारा ही सहारा है ।। टेर ।।
तर्ज – सूरज कब दूर गगन से
खेड़ीघाट से चलकर, महाकाल को जाना,
हम लम्बे रस्ते में, भोले साथ निभाना,
बूढ़े बालक नर नारी, करना सबकी रखवारी ।। १ ।।
काँधे पे काँवड़िया, लच’ लच करती जाये,
छम छम घुँघरू बाजे, मन में जोश जगाये,
ये जल है नर्मदा वाला, इसे दो कलशों में डाला ।। २ ।।
एक एक कदम हमारा, ज्यों ज्यों बढ़ता जाता,
ऐसा लगता मानो, तुं नजदीक है आता,
मिट जायेंगी जब दूरी, आशाएँ होंगी पूरी ।। ३ ।।
सदा बुलाते रहना, अर्जी यही हमारी,
हम पर दया की रखना, भोले नजर तुम्हारी,
‘बिन्नू’ है प्रेम दिवाना, इसे मंजिल तक पहुँचाना ।। ४ ।।
लिरिक्स – बिन्नू जी