बाबा तेरी मोरछड़ी, ये तो जादूगरी बड़ी,
जिस पे ये लहराई, उसकी तो बदली घड़ी ।।
तर्ज़ – यारा तेरी यारी को मैंने तो खुदा माना
इसके एक झाड़े से, लाखों के काम बने,
सूने-सूने आँगन में, प्यारे से फूल खिले,
साई-साई किस्मत भी, झट से ही जाग पड़ी ।। जिस पे…
श्याम तेरे हाथों में, लगती बड़ी प्यारी,
जिसके सर फिर जाये, हरती विपदा सारी,
तेरे ही चलाये चले, भगतों की गाड़ी खड़ी ।। जिस पे…
लोगों की पगड़ी बनायी, अब मेरी भी बनादे,
क्यूं दर दर में भटकूँ, अब कृपा बरसादे,
कहता ‘गोपाल’ सदा, तेरे संग प्रीत जुड़ी ।। जिस पे…