सोया नसीब श्याम जगादे, बाबा मुझको खाटू बुलाले,
इतनी किरपा मुझपे करदे, क्या है तेरा हुकम सुनादे ।। टेर ।।
तर्ज – साथी हमारा कौन बनेगा ।
ढूंढ़कर हार गया मैं, मिला ना कोई साथी,
इसी चिंता में मेरी, बीत गयी उमर आधी,
कैसे तेरा दर्शन होगा, ‘कुछ तो राह दिखा’ – २
मरजी क्या है, मुझे बतादे क्या है तेरा हुकम सुनादे ।। १।।
लाखों ही यात्री आते, तेरे दर शीश झुकाते,
मुझे क्यों भूले स्वामी, तरस मुझ पर ना खाते,
कोई नहीं है मेरा भगवान ‘तेरे सिवा दातार’ – २
क्या करना है ये समझादे, बाबा तेरा हुकम सुनादे ।। २ ।।
माना गलती हुई है, कभी भी नाम लिया ना,
फँस रहा इसी जगत में, कोई ऐसा काम किया ना,
जैसा भी हूँ नाथ तुम्हारा, कहलाऊँगा श्याम – २
बालक को धीरज बाँधादे, बाबा तेरा हुकम सुनादे ।। ३ ।।
अपना जिनको भी समझा, वक्त पर सब कतरा गये,
बहुत भटका हूँ बाबा, सभी मेरी हँसी उड़ाये,
तुम्हीं सम्भालोगे केवल है ‘एक तेरा विश्वास’ – २
मुझको तेरा हाथ थमा दे, क्या है तेरा हुकम सुनादे ।। ४ ।।