अरे जे तू चाहवै बाबो, तेरा पल में बणा दे काम,
ओ भगत तेरा.. सगळा बणा दे काम,
ओ भगत तेरा.. बिगड्या बना दे काम,
(तो) आंसू चढ़ा चरणां में आंसू से रीझे मेरो श्याम ।।
तर्ज – बार बार तोहे क्या समझाऊं पायल की
1.. नरसी रोया और द्रोपदी रोई थी,
रोती रोती करमा बाट थारी जोई थी,
खीचड़ खायो.. चिर बढ़ायो,
भरयो भात घनश्याम.. नरसी को भरयो,
आंसू चढ़ा चरणां में आंसू से रीझे मेरो श्याम ।।
2.. वीर बर्बरीक सीस दान जद दरया था,
देते देते मारे खुशी के रो रया था,
मीठा आंसू देख.. कृष्ण दियो,
श्याम नाम को इनाम.. कृष्ण दियो,
आंसू चढ़ा चरणां में आंसू से रीझे मेरो श्याम ।।
3.. किस्मत हाळा होवै जो आंसू पावै है,
अभिमान्यां की आंख में ये नही आवै है,
आंसू कै बदला में अम्बरीष,
बणग्या प्रभु गुलाम.. भग्तां का बणग्या,
आंसू चढ़ा चरणां में आंसू से रीझे मेरो श्याम ।।
लिरिक्स – अम्बरीष कुमार जी (मुंबई)