ऐ भक्तों फूल बरसाओ, मेरे बाबा श्याम आये हैं,
मग्न होकर सभी गाओ, मेरे बाबा श्याम आये हैं….
(तर्ज : बहारों फूल बरसाओ… )
बड़े दानी बड़े दाता, बड़ा दरबार है इनका,
चराचर के हैं ये स्वामी, सारा संसार है इनका,
भक्तों के वास्ते लेकर, मधुर पैगाम आये हैं,
ऐ भक्तों फूल बरसाओ……..
दर्श श्री श्याम का आकर, के पा लो जिसका जी चाहे,
बरसता है यहां अमृत, नहा लो जिसका जी चाहे,
पिलाने के लिये सबको, भक्ति का जाम लाये हैं,
ऐ भक्तों फूल बरसाओ…….
जो सुनकर टेर भक्तों की, कभी ना देर लगाते हैं,
संकट से सदा ‘लक्खा’, यही श्री श्याम बचाते हैं,
आ ‘शर्मा’ मांग ले तू भी, खाटू से श्याम आये हैं,
ऐ भक्तों फूल बरसाओ……..