आ गई शुभ घड़ी महलों में राम आये हैं,
भारतवासी हर्षाये हैं ।। टेर ।।
तर्ज़ – अल्लाह ये अदा कैसी है इन हिस्सों में ।
राम आये हैं लाये हैं खुशहाली,
चलो मिलकर मनाओ फिर दीपावली,
मन उमंगो के दीप जलाये हैं ।। आ गयी ।।
झूमेंगे मस्ती में आज जी भरके,
गुण गायेंगे निया रघुबर के,
सपने सच होने आये हैं ।। आ गयी ।।
नरसी की हुई पूरी ये साधना,
रामजी ने सुनी मन की भावना,
दिन मूरत के फिर से आये हैं ।। आ गयी ।।
राम का राज आया है किसका भय,
रहे मौजों में सब ‘अजय’ की विजय,
संग बजरंग संग में भाये हैं ।। आ गयी ।।