कलयुग जैसे जैसे,
गहराने लगा है,
श्याम का निशान,
लहराने लगा है ।।
कलयुग में बस एक आधारा,
खाटूवाला श्याम हमारा,
इनकी शरण में जो भी आया,
कहीं जगत में वो ना हारा,
घर घर कीर्तन श्याम का,
अब होने लगा है,
श्याम का निशान,
लहराने लगा है ।।
त्रेता युग में राम बने है,
द्वापर में बन गए कन्हैया,
कलयुग में श्री श्याम बने है,
पार लगाते सबकी नैया,
बच्चा बच्चा नाम तेरा,
गाने लगा है,
श्याम का निशान,
लहराने लगा है ।।
सारे संकट मिट जाते है,
श्याम की महिमा जो गाते है,
कृष्णा सर पर हाथ फिराते,
साचे मन से जो ध्याते है,
भक्तों का कल्याण,
अब होने लगा है,
श्याम का निशान,
लहराने लगा है ।।
कलयुग जैसे जैसे,
गहराने लगा है,
श्याम का निशान,
लहराने लगा है ।।
गायक – सनी नारंग
लिरिक्स – विकास अग्रवाल (कृष्णा)