वृन्दावन के ओ बाँके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।।
तर्ज – ये तो प्रेम की बात है उधो ।
हम तुम्हारे पराये नही है,
गैर के दर पे आये नही है,
हम तुम्हारे पुराने पुजारी,
हम तुम्हारे पुराने पुजारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।।
नंदबाबा के राज दुलारे,
माँ यशोदा की आँखों के तारे,
राधा के सांवरे गिरधारी,
राधा के सांवरे गिरधारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।।
बंद कमरों में रुक ना सकोगे,
लाख परदों में छुप ना सकोगे,
तेरा दीदार हसरत हमारी,
तेरा दीदार हसरत हमारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी,
वृन्दावन के ओ बाँके बिहारी ।।