हे दयालु आपका आधार है,
जिंदगी में दु:खो की भरमार है ।।
तर्ज – दिल के अरमां आंसुओं में ।
भटकता व्याकुल ये मनवा,यहाँ वहाँ,
सब जगह मिली ठोकरे,पहुंचा जहाँ,
हर तरफ छाया प्रभु, अंधकार है,
हे दयालु आपका आधार है ।।
नाथ दीनो के,आप हो साँवरे,
बन सहारा दे दो, ठंडी छाँव रे,
प्रेमी करते श्याम से, पुकार है,
हे दयालु आपका आधार है ।।
तड़फते दिल ने जो राहे,पायी थी,
मुश्किलों से शुभ घड़ी वो,आयी थी,
ना मैं भूँलुं जो प्रभु,उपकार है,
हे दयालु आपका आधार है ।।
हर जनम में आप हो,मंजिल मेरी,
धड़कने इस दिल की बाबा, हो तेरी,
‘राजू’ को प्रभु आपकी, दरकार है,
हे दयालु आपका आधार है ।।
लिरिक्स – राजू चितलांगीया जी