हमारे साथ भोलेनाथ तो, किस बात की चिंता,
शरण में रख दिया जब माथ, तो किस बात कि चिंता ।।
किया करते हो तुम दिन रात, क्यु बिन बात की चिंता,
तेरे शंभू को रहती है, तेरी हर बात की चिंता,
हमारे साथ भोलेनाथ तो, किस बात की चिंता ।।
ना मरने की ना जीने की, ना खाने की ना पिने की,
रहे हर सांस में बाबा तेरे, प्रिय नाम की चिंता,
हमारे साथ भोलेनाथ तो, किस बात की चिंता ।।
मरे संग संग में रहती है, मेरे महाकाल की छाया,
की बनती है वहां हर बात, तो किस बात की चिंता,
हमारे साथ भोलेनाथ तो, किस बात की चिंता ।।
मेरे महाकाल के दर पे, सवंर जाती है तक़दीरें,
उन्ही के हाथ में अब हाथ, तो किस बात की चिंता,
हमारे साथ भोलेनाथ तो, किस बात की चिंता ।।
हुई हर भक्त पर कृपा, बनाया दास प्रभु अपना,
उन्ही का कर रहे गुणगान, तो किस बात की चिंता,
हमारे साथ भोलेनाथ तो, किस बात की चिंता ।।
लिरिक्स – गजेन्द्र प्रताप सिंह




