दातार श्याम के सदा, भरोसे रहा करो,
फुरसत मिले तभी जरा, सुमिरण किया करो ।। टेर ।।
तर्ज – मांगा है मैंने श्याम से वरदान ।
श्वासों की डोर श्याम के, है हाथ जान लो,
जरा बैठ इसके ध्यान मँ, मिलने की ठान लो,
आयें तुरंत श्याम ये, विनती किया करो ।। १ ।।
इनके ही नाम से तरी, मीरां और द्रौपदी,
सबरी, अहिल्या, और एक बेटी थी जाट की,
भक्तिमती थी, सब यही, इनको नमन करो ।। २ ।।
जीते तो हैं सबही मगर, जीना कुछ और है,
करते मदद गरीब की, वो कलेजे की कौर है,
जिनके दिलों में है दया, निर्भय कहीं फिरो ।। ३ ।।
निर्बल और दीन के ही, दिलों में श्याम हैं,
हँसते मिलेगें आपको जो पूर्ण काम हैं,
‘सांवर’ कभी भी झांक के दर्शन किया करो ।। ४ ।।
लिरिक्स – सांवर जी