हे नन्द नन्दन तुम्हें मेरा वन्दन,
दयाकर दयालु, पलके उघाड़ो,
काटो प्रभु मेरे, सब भव बन्धन ।। हे ।।
तर्ज – वो जब याद आये बहुत बहुत ।
नाथ तेरी कृपा में तो चाहूं सदा,
भा गयी मन को ये तेरी बांकी अदा,
दर्शन प्रभु जी अब तो, आ के दिखा दो,
सुनो मेरे दिल का ये, करुणा क्रन्दन ।। हे नन्द… ।। १ ।।
तेरी पूजा, भजन मैं नहीं जानता,
योग जप तप भी कोई नहीं जानता,
अगर, धूप, ज्योति, ना साधन, ना शक्ति,
नहीं भोग वस्तु नहीं पास चन्दन ।। हे नन्द…।। २ ।।
देखलो एकबार, मेरी लेलो खबर,
पार हो जाऊँगा, कर दो ऐसी महर से,
‘सांवर’ की विनती पे जरा गौर कर,
आवो मेरे स्वामी प्यारे यदुनन्दन ।। हे नन्द…।। ३ ।।
लिरिक्स – सांवर जी