सब देवों से बढ़कर घर के पितर जी महाराज,
उनको पूजो सब दिन-रात ।।
तर्ज – देख तेरे भक्तों की हालत ।
घर में एक स्थान हो उनका, मन में हरदम ध्यान हो उनका,
रोज सुबह उन्हें जल भी चढ़ाना, उनके नाम का दीप जलाना,
उनकी कृपा से ही सब चलता, रखना हरदम याद ।।
ऐसा जो भी करेंगे प्राणी, महर करे उनपे पितराणी,
लाज न घर की जाने देते, मानलो इनकी मेहरबानी,
करते हैं रखवाली सदा ही, जैसे हो हालात ।।
मावस की सब ढोक लगाना, एक नारियल उन्हें चढ़ाना,
उनके नाम का भोजन मइया, किसी गाय को जाय खिलाना,
कमी ना होगी किसी बात की, मान लो इनती बात ।।




