श्याम सुन्दर मेहर की नजर,
दिन दुखियों पे थोड़ी सी कर,
होके दर का भिखारी तेरा,
होके दर का भिखारी तेरा,
खाऊं क्यों ठोकरे दर-ब-दर,
दिन दुखियों पे थोड़ी सी कर,
श्याम सुन्दर मेहर की नजर,
दिन दुखियों पे थोड़ी सी कर।।
तर्ज – ज़िन्दगी की ना टूटे लड़ी।
हो ख़ुशी चाहे हो कोई गम,
तेरी राहो में हो हर कदम,
सौप तुझको दिया कारवा,
दिल हुआ मोम से भी नरम,
तू संभाले तो फिर क्या फ़िकर,
दिन दुखियों पे थोड़ी सी कर,
श्याम सुन्दर मेहर की नज़र,
दिन दुखियों पे थोड़ी सी कर।।
लड़खड़ा जो मै जाऊँ कहीं,
तुम संभालोगे विश्वास है,
ये सहारा बहुत है प्रभु,
तेरी यादे मेरे पास है,
गैर से अब ना कोई झिकर,
दिन दुखियों पे थोड़ी सी कर,
श्याम सुन्दर मेहर की नज़र,
दिन दुखियों पे थोड़ी सी कर।।
मेरी मजबूरिया जो भी है,
क्या छुपी है वो दिलदार से,
‘श्याम बहादुर’ कहूंगा तुम्हे,
प्यार से चाहे तकरार से,
साथ में तेरे हो ‘शिव’ सफर,
दिन दुखियों पे थोड़ी सी कर,
श्याम सुन्दर मेहर की नज़र,
दिन दुखियों पे थोड़ी सी कर।।
श्याम सुन्दर मेहर की नजर,
दिन दुखियों पे थोड़ी सी कर,
होके दर का भिखारी तेरा,
होके दर का भिखारी तेरा,
खाऊं क्यों ठोकरे दर-ब-दर,
दिन दुखियों पे थोड़ी सी कर,
श्याम सुन्दर मेहर की नजर,
दिन दुखियों पे थोड़ी सी कर।।