हमको तेरा सहारा, तेरे सिवा दयालु, कोई नहीं हमारा।।
तर्ज – मौसम है आशिकाना।
ढूँढ़ा है सारे जग में, कोई ना तुझसा पाया ।
दिल को मिली तस्सली, जब से शरण में आया ।
मुझ पर कृपा ये रखना, छूटे ना दर तुम्हारा ।। १ ।।
मैं तो भटक रहा था, नहीं राह दिख रही थी।
चारों तरफ अँधेरा, कहीं रोशनी नहीं थी ।
अब तो कदम-कदम पर, तेरा मिल रहा इशारा ।। २ ।।
जब से हुआ है मेरा, तेरे दर ये आना-जाना,
सब पूछने लगे हैं, मेरा भी अब ठिकाना,
जिनको कभी ना भाया, लगने लगा हूँ प्यारा ।। ३ ।।
तेरे नाम का असर ये, दिखलायी दे रहा है।
‘बिन्नू’ भरी सभा में, गुमनाम जिन्दगी थी,
सबसे ये कह रहा है, मेरे श्याम ने उभारा ।। ४ ।।
लिरिक्स – बिन्नू जी