बाबा श्याम के दरबार, मची रे होली, बाबा श्याम के,
मची रे होली रे, मची रे होली, बाबा श्याम के ॥
(तर्जः धमाल…..)
कै मण लाल गुलाल उडत है,
कै मण केशर कस्तूरी, बाबा श्याम के ॥
नौ मण लाल गुलाल उडत है,
दश मण केशर कस्तूरी, बाबा श्याम के ॥
कहाँ से आयो कुँवर कन्हैयो,
कहाँ से आई राधा गोरी, बाबा श्याम के ॥
मथुरा से आयो कुँवर कन्हैयो,
बरसाने से राधा गोरी, बाबा श्याम के ॥
कितने वर्ष को कुँवर कन्हैयो,
कितने वर्ष की राधा गोरी, बाबा श्याम के ॥
ग्यारह वर्ष को कुँवर कन्हैयो,
बीस वर्ष की राधा गोरी, बाबा श्याम के ॥