प्रभु का है जिसने भरोसा किया, तूफानों में जलता है उसका दिया,
दर दर क्यों भटके अरे बावरे,
आजा शरण में सहारा मिलेगा तुझे श्याम से….
(तज : कोई जब तुम्हारा )
पकड़ ले तु प्यारे डगर श्याम की, शरण में तु आये अगर श्याम की,
ये किस्मत तुम्हारी संवर जायेगी, होगी दया की नजर श्याम की,
बड़ा ही दयालु है दातार है, ना दूजा कोई ऐसा दरबार है,
दर दर क्यों भटके अरे बावरे,
जो खोया है तूने दुबारा मिलेगा तुझे श्याम से….
जहाँ ज्योत बाबा की है जल रही, वहाँ रोशनी श्याम से मिल रही,
बड़ा ही सुखी उसका संसार है, बगिया वहाँ प्यार की खिल रही,
ये ज्योति हमेशा जगाया करो, प्रभु नाम को गुनगुनाया करो,
दर दर क्यों भटके अरे बावरे,
क्या करना है उसका ईशारा मिलेगा तुझे श्याम से….
जो सिर पे तेरे श्याम का हाथ है, तो डरने की कोई भी ना बात है,
मञ्जिल मिलेगी तुझे एक दिन, पग पग पे तेरे प्रभु साथ हैं,
‘बिन्नू’ कभी ना रूके ये कदम, तो मुरली बजाते मिलेंगे सनम,
दर दर क्यों भटके अरे बावरे,
अँखियों को सुन्दर नजारा मिलेगा तुझे श्याम से….
लिरिक्स – बिन्नू जी