मेरे सपनो में आते है खाटू के बाबा श्याम,
खाटू के बाबा श्याम…..
तर्ज – सावन को आने दो ।।
सपनो में दीखते है मुझको, खाटू के प्यारे नज़ारे,
बेठे सिंघासन बाबा, करते है मुझको इशारे,
वो हाथ हिलाते है, दर पे बुलाते है,
थोड़ा मुस्काते है, खाटू के बाबा श्याम,
मेरे सपनो में आते है….
लहराते देखे है हमने, श्याम निशान हजारो,
हारे के साथी यही है, प्रेम से इनको पुकारो,
जो पैदल चलते है, संग उनके चलते है,
रस्ता दिखलाते है, खाटू के बाबा श्याम,
मेरे सपनो में आते है….
सपनो में रोज आते हो, एक दिन सच मुच आना,
‘श्याम’ कहे थोड़ी सेवा, हाथो से मेरे कराना,
सपने मेरे सच होंगे, दोनों एक संग होंगे,
पुरे होंगे अरमान, खाटू के बाबा श्याम,
मेरे सपनो में आते है….