मै हूं तेरा नौकर तेरी, हाजरी रोज लगाता हूं,
मिलती है तनख्वाह जो तुझसे, मैं परिवार चलाता हूं…
दर दर मेरा सर ये झुके ना, सोच के दर तेरे आता हूं,
तेरे जैसा मालिक पाकर, दुनिया में इतराता हूं,
स्वाभिमान से जीने वालो, को तेरी राह दिखाता हूं,
मै हूं तेरा नौकर तेरी, हाजरी रोज लगाता हूं…
क्या देते हो क्या लेते हो, कितनी मेरी मजदूरी है,
सबके आगे भेद क्यों खोलूँ, ऐसी क्या मजबूरी है,
मिलता है औकात से ज्यादा, दुनिया से बतलाता हूं,
मै हूं तेरा नौकर बाबा, तेरी हाजरी रोज लगाता हूं…
मुझसे काबिल मुझसे लायक, सेवा को हैं तरस रहे,
मुझ नालायक में क्या देखा, सोच के नैना बरस रहे,
सांवरिये की सेवा करना, बच्चों को सीखलाता हूं,
मै हूं तेरा नौकर बाबा, तेरी हाजरी रोज लगाता हूं…
मैं ना जानूं तू ही जाने, कितना मेरा जीवन है,
अच्छी लगी हो सेवा मेरी, फिर से समर्पित तन मन है,
अगले जन्म में फिर सेवा की, मैं उम्मीद लगाता हूं,
मै हूं तेरा नौकर बाबा, तेरी हाजरी रोज लगाता हूं…
अज्ञानी हूं अंजाने में, कितने पाप किए होंगे,
बिसराया भूलों को मेरी, पाप ना तुमने गिने होंगे,
कहता रोमी भाव भजन से, तुझको रोज रिझाता हूं,
मै हूं तेरा नौकर बाबा, तेरी हाजरी रोज लगाता हूं…