सेवकियो अरज लगावे है,
सेवकियों अरज लगावे है,
म्हाने बेगो सो बुलाले खाटूधाम,
सांवरा याद सतावे है।।
तर्ज – घुंघटीयो आड़े आ गयो जी।
कईये दिना से मनड़ो भटके,
लम्बी जुदाई बहुत ही खटके,
आंखड़ल्या नीर बहावे है,
म्हाने बेगो सो बुलाले खाटूधाम,
सांवरा याद सतावे है ।।
रात्यु तारा गिण गिण काटू,
उड़ के कइया आऊं खाटू,
यो जिवड़ो छटपटावे है,
म्हाने बेगो सो बुलाले खाटूधाम,
सांवरा याद सतावे है ।।
करले सुनाई ओ मनगरिया,
श्याम तेरा तो दिल है दरिया,
तू से की आस पुरावे है,
म्हाने बेगो सो बुलाले खाटूधाम,
सांवरा याद सतावे है ।।
खिंच ले डोरी दरश दिखा दे,
‘बिन्नू’ बोले ना को प्यादे,
यो चरणा में शीश नमावे है,
म्हाने बेगो सो बुलाले खाटूधाम,
सांवरा याद सतावे है ।।
लिरिक्स – बिन्नू जी




